हम भी

इक बार कभी रोका होता
तो रुक जाते शायद हम भी
तेरी बाहों में ग़ैरों की तरह ही
छुप जाते शायद हम भी।।

हम भी तुझको अपना कहकर
खुश हो जाते शायद हम भी 
तेरी मुस्कानें देख देखकर
मुस्काते शायद हम भी।। 

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