उचित है?

निष्ठुर से प्रेम के कारण, क्या जीवन का जलना उचित है
हर क्षण आग में तैर-तैरकर हृदय का गलना उचित है??

उचित है क्या नैनों के भीतर गंगा सा वेग उभरना भी
उचित है क्या जीने के कारण कण-कण होकर मरना भी??

क्या जिस रस्ते न गंतव्य हो, उस रस्ते जाना उचित है
क्या उचित है हर दुख़सह जाना और विष पी जाना उचित है??

उचित है क्या मुक़्त कर देना और मुक्त हो जाना उचित है
वेदनाओं के गागर का ऊपर तक भर जाना उचित है??

ग़र उचित है धोखा खाना तो धोखा देना भी उचित है
हर बार प्राण हर लेने का मौक़ा देना भी उचित है??

एक फांस का बार बार दिल में गड़ जाना उचित है??
क्षण भर के आनंद के कारण, जीवन जल जाना उचित है??

                                              ।। गौरव प्रकाश सूद।।
#दर्दकाकारवां
#ऐसावैसाwriter
17 मई 2025
14:50

Comments

Popular posts from this blog

धुंधली पड़ती तस्वीरें

"कहीं के नहीं रहे"

दिल्ली सरकार, आप की सरकार