त्याग मेरा
विषय-वस्तु है व्याकुल मन
और आघात है भाग मेरा
इस भूमि पर जाना किसने
करूणा, भय और त्याग मेरा।।
मैं जीवन की मुक्ति से मुक्त
रहा सदा श्रद्धा के रूप
अंधेरों में प्राण पिरोता
आशाओं का सच्चा भूप।।
शाखाओं से लटका-झटका
मैं गाऊं गीत विध्वंस में भी
बस प्रेमभाव मेरे भीतर
बस प्रेम बसे नस-नस में भी।।
।। गौरव प्रकाश सूद।।
#ऐसावैसाwriter
17 मई 2025
13:50
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