"शेर"
नज़र झुकाकर देखती तो जानती
तेरे घर के ज़ेरे एक घर मेरा भी है।।
रोज़ाना पूछती रहती है कि दवा ली या नहीं
क़त्ल करने का अंदाज़ ज़माने से निराला है।।
न वो कभी बाज़ आए, न कभी हमने शिक़ायत की
वो क़त्ल करना जानते थे, हम क़त्ल होना जानते थे।।
।। गौरव प्रकाश सूद ।।
#दर्दकाकारवां
#ऐसावैसाwriter
29 दिसम्बर 2023
11:15
कितने बरसों रास्ता देखा पर कोई आवाज़ नहीं आई
जी कर देखा, पी कर देखा, कोई बात रास नहीं आई।।
।। गौरव प्रकाश सूद ।।
#दर्दकाकारवां
#ऐसावैसाwriter
02 दिसम्बर 2024
13:00
दिन तो गुज़र गया है लेकिन अभी रात भी बाक़ी है
बस एक अधूरा बिस्तर और कुछ करवट ही साथी हैं
कब-तक उसके सपनों की चादर को ओढ़ोगे
जो बांहों में आती नहीं है पर हर ख़्वाब में आती है।।
।। गौरव प्रकाश सूद ।।
#ऐसावैसाwriter
12 जनवरी 2024
06:00 am
प्रेमविलास से घाव अभरे, हार से उभरे गति
चिंतित मन में संशय अभरे, ध्यान से उभरे मति।।
।।गौरव प्रकाश सूद ।।
#दर्दकाकारवां
#ऐसावैसाwriter
01 फरवरी 2024
02:40 am
रात गुलाबी करने का कल रात नशा तो छाया था
कहो न कहो तुमको भी मगर थोड़ा सा मज़ा तो आया था।।
।। प्रकाश गौरव ।।
#ऐसावैसाwriter
05 मार्च 2024
10:00
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