नदी की सुंदरता

नदी बहुत सुंदर होती है। 
पर नदी और भी सुंदर तब होती है जब वो
अपने वेग के साथ बहती हो। 
और सबसे सुंदर तब होती है जब वो झरने का रूप लेती हो।
कोई भी नदी झरने का रूप तब लेती है, जब वो गिरती है। 
इसलिए कई बार गिरना, गिरना नहीं होता।
बहुत बार गिरने का सही मतलब होता है उठना
अत: उठने के लिए तुम्हें कई बार गिरना भी होगा।
पर उस झरने की भांति जो हिमालय से भी गिरे
तो अपना अस्तित्व नष्ट न होने दे।
अपनी सुंदरता भंग न होने दे।
जो अपने साथ-साथ पर्बत, जंगल, पानी और मिट्टी
के सौंदर्य को भी बढ़ा दे और अपने संसर्ग में आने वाले
हर जीव की चेतना को धो सके ।
परंतु इसके लिए तुम्हें बहते रहना होगा अपने वेग के साथ
और एक के बाद एक कई चट्टानों से टकराना होगा। 
जब-जब तुम टकराओगी तब-तब
अपने अस्तित्व को और भी सुंदर पाओगी।
तो बस बहती रहो।।
                   गौरव प्रकाश सूद
#दर्दकाकारवां
#ऐसावैसाwriter
28 मार्च 2023
05:00 pm

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