इस बार मैं

इस बार मैं,
तुम्हारी देह को अपनी अंगुलियों के पौरों से
छूकर तर कर दूंगा, और छोड़ दूंगा
अपनी महक तुम्हारे किरदार में कहीं।
इन दिनों यदि मैं कहीं खो भी गया
तो तुम में रहूँगा, फिर तुम जितनी बार
भी आओगी, मुझे लेते हुआ आओगी।।
                            गौरव प्रकाश सूद
#ऐसावैसाwriter
03 जून 2022

Comments

Popular posts from this blog

धुंधली पड़ती तस्वीरें

"कहीं के नहीं रहे"

दिल्ली सरकार, आप की सरकार