हरियाणवी
घबरावै न इज्जत तेरी सै, कती अनोख्खे हाथा मैं
सूं तेरा लाडला पाप्पा मैं
मान बढाऊँ, शान बढाऊँ, तेरा.. नाम बढ़ात्ता मैं
सूं तेरा भरोसा पाप्पा मैं,
तू
आँखां के मह लाज का तरिया
सिर के उप्पर ताज का तरिया
राजतंत्र मह राज का तरिया
जीवन के मह आज का तरिया
नाक के भीत्तर साँस का तरिया
अपणे पण मह आस का तरिया
मैदान्ना मह घास का तरिया
भरे ख़ेत मह नाज का तरिया
किसे बात की चिंता न कर सारा पाड़ बगाऊँ साक्का मैं
सूं तेरी कमाई पाप्पा मैं
जिस रस्ते नहीं जाणा चईए, उस रस्ते नहीं लखात्ता मैं
सूं तेरा भरोस्सा पापा मैं
तू गर्मी मैं मई - जून का तरिया
जाड्डे के मैं उन का तरिया
बाग्गा के मह फूल का तरिया
रगा मह बहत्ते ख़ून का तरिया
रोट्टी खात्तर चून का तरिया
पाणी, तेल और नूण का तरिया
घर के चारों कूण की तरिया
कुछ पाण के खात्तर जूनून का तरिया
तनै ख़ूद तै ज्यादा चाहूँ सूं, कदे खोलकै नहीं बताता मैं
सूं तेरा लाड़ला पाप्पा मैं
पगड़ी तेरी जान तै प्यारी झुक्कण देण न चाहता मैं
सूं तेरा लाड़ला पाप्पा मैं
तू
जलती धूप मह छाँव की तरिया
लहरा ऊप्पर नाव की तरिया
भटके नै एक गाँव की तरिया
आँख्याँ के मह भाव की तरिया
नफ़रत नै चीरता प्यार भी तू सै
बिछड़े नै एक यार भी तू सै
ईश्वरीय दरबार भी तू सै
मेरा सारा संसार भी तू सै
तू भगवान् का पाप्पा नाम दूसरा
ईश्वर का आशिर्वाद तू ही
जब दुनिया मैं सब धोख्खा देदे,
तो म्हारी आख़िरी आस तू ही।।
तनै जीवण का एक सारा बताया
" मेहनत करो और करकै खाओ,
किसे माणस का न हक मारियो
नेक- नीति तै चलते जाओ।।
गौरव प्रकाश सूद
#दर्दकाकारवां
#ऐसावैसाwriter
19 अक्टूबर 2021
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