सिग्नल
जैसे घेरा है गाड़ियों ने सड़कों को
कुछ ऐसा दबदबा है दिल पर तेरा
तुम भी सिग्नल दिखते ही ठहर जाती हो
जैसे इंतज़ार हो एक ईशारे भर का
राहें मुझसे हैं और मैं तुझसे
हर मोड़ अधूरा है तेरे बिना
तुझसे शुरू होकर, तुझ तक ही जाता है
इक रास्ता सा साजन तेरा ।। (इक रास्ता हूँ गड्ढों भरा)
गौरव प्रकाश सूद
#ऐसावैसाWRITER
29 अगस्त 2021
Comments
Post a Comment