व्हील चेयर
एक परिवार जिसमें माँ-पापा और 2 बेटे थे, बेटियों की शादी हो चुकी थी और बच्चे भी, बेटे अभी कुंवारे थे। छोटा बेटा 21-22 साल का था और बड़ा बेटा 25 का। दोनों पढ़े-लिखे थे और बहुत मेहनती भी, दोनों ही कलाकार थे और बड़े बनाना चाहते थे। छोटा लिरिसिस्ट/गायक/म्यूज़िशियन बनना चहता था और बड़ा ऐक्टर। पापा साधारण सी सरकारी नौकरी करते थे और माँ घर संभालती थी। पापा का एक छोटा भाई भी था जो पास में ही रहता था। दोनों परिवारों के संबंध कभी अच्छे थे पर अभी गांठें पड़ चुकी थी। पापा बहुत शरीफ़ और शांत इंसान थे पर चाचा तेज़ और शातिर। एक दिन किसी बात पर चाचा घर में आकर अपने भाई से बहस करने लगे और अपनी भाभी को उल्टा सीधा बोलने लगे। दोनों लड़के वहीं थे पर बड़ों का मान रखने के लिए दोनों चुप ही बैठे रहे। फिर थोड़ी देर में उनके चाचा का बड़ा बेटा भी इन लड़कों के माँ-पापा यानी अपने बड़े पापा और मम्मी से बहस करने लगा फिर बाहर जाते-जाते उल्टा-सीधर भी बोलने लगा। पर उसके पिता ने उसे ज़रा भी नहीं डांटा। दोनों भाईयों को गुस्सा आ रहा था। भीतर लपटें उठ रही थी अब बड़े बेटे से चुप नहीं रहा गया। वो बाहर जाकर अपने चाचा को गुस्से में उसके बेटे को चुप कराने को बोलता है। उसके चाचा तो अपने बेटे को चुप नहीं कराते पर इस लड़के के पापा इसे ही डांटने लगते हैं। पर लड़का नहीं चुप होता अपने चाचा को बोलता है कि हमारा माँ-पापा ने कभी आप लोगो के सामने हमें नहीं बोलने दिया आप अपने बच्चों को कैसी शिक्षा देते हो, उसको चाचा बोलता है रौब में तुमसे ज़्यादा पढ़े-लिखे हैं मेरे बच्चे। लड़का कहता तो उस हिसाब की तमीज़ भी होनी चाहिए, अपने बड़ों के सामने कैसे रहना चाहिए। हम आपके सामने आजतक नहीं बोले। हमारे सामने कितनी बार आप पापा से लड़े हो, मम्मी को गाली दी है और मारा भी है। लड़के के पापा उसे गुस्से में डांटते हैं और मारने लग जाते हैं। लड़का पिटते - पिटते अपने चाचा को गुस्से में बोलता है तू भी मार सकता है क्या अपने बच्चों को ऐसे, है हिम्मत रख लेंगे वो तेरी इज़्ज़त? तो उसका चाचा अपने बेटे को धीरे से चुप होने को बोलता है। पर वो नहीं होता। ये देख कर लड़का पिटते-पिटते ज़ोर से हंसकर उनकी खिल्ली उड़ाता है। ये देख पापा को और गुस्सा आ जाता है और वो अपने बेटे को लोहे की रौड से मारने लग जाते हैं, लड़के की मम्मी और भाई पापा को रोकने आते हैं पर वो किसी के बस में नहीं आते। लड़का पिटते-पिटते बेहोश होकर गिर पड़ता हैं उसकी मम्मी और भाई रो पड़ते हैं और पापा भी अंदर ही अंदर घुंट - घूंट रो रहें हैं। इन्हें कभी माँ - बाप का सहारा नहीं मिला, भाई-बहन भी लालच में सब हडप गए तो इनकी भीतर का सारा गुस्सा हमेशा बच्चों और बीवी पर ही निकलता वैसे वो बहुत शांत और सहनशील व्यक्ति हैं, उनके बच्चों की नज़रों में उनसे महान कोई नहीं हो सकता। बेटे की ऐसी हालत कर उन्हें भी खुद पर गूस्सा आता है और मुर्छित से हो घर के बाहर बैठ जाते हैं। छोटे बेटे का गुस्सा दोनों के देख लावे सा फूंट उठता है और वो आगबबूला हो अपने चाचा को धमका देता है। लड़के को हास्पिटल ले जाते हैं। उसे होश आ जाता है पर शरीर की कई हड्डियां बिखर चुकी है। वो व्हील चेयर पर आ जाता है। पापा उसे देख शर्मिंदा रहते हैं, एक दिन उससे माफ़ी माँगते हैं वो खुद शर्मिंदा हो कह देता है। आपका दिया जीवन है, आपके लिए खप भी गया तो क्या। उसका जीवन रुक सा जाता है। माँ और छोटा भाई उसकी देखभाल करते हैं। उसके चेहरे पर मुस्कान रहती है। पर जब-जब उसे बाथरूम जाना होता है वो शर्म से चूर हो जाता है, उसे लगता है कि उसकी वजह से सब परेशान हैं वो बोझ बन गया है। कभी भी उसकी माँ - बहनें उसे देख रो देती हैं। वो हंस-मुस्कुराकर सबको चुप कर देता है। उसके एक गर्लफ्रेंड भी है जिससे ये इस एक्सीडेंट के बाद बात करना बंद कर देता है। एक दिन वो इससे मिलकर इसे समझा देती है कि वो हमेशा इसके साथ है, इसे बहुत खुशी होती है और ये उससे बात करना शुरू कर देता है पर धीरे-धीरे वो लड़की खुद इससे दूर हो जाती है। इसे दुख तो होता पर फिर सोचता है कि उस लड़की के लिए यही अच्छा है। वो एक्टर है तो गली में बच्चों को मोनोलोग बोलकर अपनी आत्मा बहलाता रहता है। कविताएँ लिखता सुनाता है और कहानी भी लिखता है। अब वो यही सब करता है जीवन में और कुछ बचा भी तो नहीं। सबके साथ हंसीं मज़ाक़ करता है। अब घर वाले भी धीरे-धीरे इसका ध्यान रखना कम कर देते हैं। बहुत समय बीतने के बाद भी ये ठीक से चल-फ़िर नहीं सकता तो वो अब इसपर कम ही समय खर्च करते हैं। घंटों अकेला बैठा रहता है। एक रात इसे प्यास लगती है ये आवाज़ लगाता है कोई नहीं सुनता, उठकर लेने जाता है तो गिर जाता है। आँखें भर आती हैं तो फिर आवाज़ लगाता है। छोटा भाई जाने से मना कर देता है, मम्मी जाती है, इतने में वो खुद उठकर बैठ जाता है। मम्मी आती है, लाईट जलाती है एक जग पानी उसके पास रखती है और गिलास उसकी हाथ में थमा चल देती है, वो मुस्कुराकर पूछता है सो गए थे क्या और बिना उसकी बात का जवाब दिए वो लाईट बंद कर चली जाती है। वो खुदमें घुंटकर सो जाता है। धीरे-धीरे उसे बहुत अकेला महसूस होने लगता है। एक दिन उसे बाथरूम जाना होता है वो सहारे के लिए आवाज़ लगाता है पर जब तक मम्मी आती है वो बिस्तर पर कर चुका होता है और सुबक-सुबक रो रहा होता है। इन सब से दुखी हो एक दिन वो अपने आप को खत्म कर देता है। उसकी एक भांजी होती है, जो चल नहीं सकती। वो अपनी कविताएँ, कहानियाँ उसे सुनाया करता था। उसे अंदाज़ा था कि उसने जीवन क्यों त्याग दिया चूंकि एक वही थी जो उसकी हालत समझ सकती थी। लड़के ने एक कहानी लिखी थी, जिसमें कविताएँ भी थी उन सबके लिए जो उसके जीवन से जुड़े थे। उसके मरने के बाद उस बच्ची ने उस किताब को किसी तरह पब्लिश करवा दिया जिसका नाम रखा "व्हील चेयर"। देखते-देखते किताब को बहुत शोहरत मिल गई और उसके चले जाने के बाद वो सब उसको फिर से वो अपनापन दिखाने लगे जिसके बिना वो तरसते-तरसते चला गया।
03 जनवरी 2021
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