बज़्म

बज़्म में उसने बुलाया मग़र खाली जाम तक न मिला
हांलांकि यहीं चल रहा है मयकदों का सिलसिला
अब चिंता पर इतनी हैं के हम बैठें या लौट जाए
या फिर यूं करें इक जाम छींने और डूबकर के मर जाएं।।
                                        ।। गौरव प्रकाश सूद।।
#दर्दकाकारवां
#ऐसावैसाwriter
31 अक्टूबर 2025
09:45

Comments

Popular posts from this blog

धुंधली पड़ती तस्वीरें

"कहीं के नहीं रहे"

फोटोग्राफर