फोटोग्राफर
एक फोटोग्राफर है। जो किसी पुराने स्टाईल के कैमरा से फोटोग्राफी करता है। वो समलैंगिक है, जो उसके हाव भाव में भी दिखता है। उसके घर कि दीवारों पर सैकड़ों फोटोज़ लगी हैं। भरे पूरे मर्दों की और कुछ औरतों की।
एक दिन वो किसी लड़की की फोटो खिंचता है और दीवार पर लगा लेता है।
अगले दिन एक औरत किसी को ढूंढती हुई उसके पास आती है, उसने अपने घर में ही स्टूड़ियो बना रखा है या यूँ कहलें के स्टूड़ियो को घर बना रखा है। वो औरत उस लड़की की माँ होती है जिनकी तस्वीर इसने कल खींची थी। वो औरत उससे आके पूछती है अपने बच्चों के बारे में, वो कह देता है के उसे नहीं पता उसके पास कोई लड़की नहीं आई और औरत की नज़र अंदर दीवार पर लगी एक तस्वीर पर पड़ती है जो उसकी बेटी की होती है। इतने में फोटोग्राफर अपना कैमरा तैयार कर लेता है। औरत उसे पुलिस की धमकी देती है। वो घूमके उसकी फोटो ले लेता है और औरत ग़ायब हो जाती है।
"दरअसल उस कैमरा से जिसकी भी फोटो ली जाती है, वो इंसान तस्वीर में क़ैद हो जाता है।"
10 मई 2020
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